।। एक सुंदर और स्वच्छ पृथ्वी हम क्यों नहीं बना पा रहे हैं ? यह सवाल पूछते हुए मेरे शब्दों में लिखी हुई कविता ।।
जिस पृथ्वी ने हमें जन्म दिया,
उस पृथ्वी को ही हम मारे जा रहे हैं,
ये हम इंसान खुद की ही जान से,
ये कैसे खेल खेले जा रहे हैं,
पर्यावरण को बचाना हमारी पहली काम है,
तो फिर क्यों हम इंसान खुद के लालच में ही,
अपने जंगलों को जलाए जा रहे हैं।
हर तरफ दुनिया भर की गंदगी हम फैलाए जाते हैं,
तो फिर हम इंसानों के द्वारा एक एक पेड़ अपने अपने घरों में क्यों नहीं लगाए जाते हैं।
ये पृथ्वी को सुंदर बनाना,
ये पर्यावरण को स्वच्छ रखना,
हम इंसानों की ही तो काम है,
तो इस खूबसूरत काम में हम अपने अपने पैरों को क्यों पीछे किए जा रहे हैं,
एक प्यारा सा,
खूबसूरत सा,
बिन प्रदूषित पर्यावरण,
हम क्यों नहीं बना पाते हैं,
एक एक पेड़ अपने अपने आंगन में लगा कर,
अपने घरों को साफ़ कर,
एक सुंदर और स्वच्छ पृथ्वी का निर्माण हम लोग क्यों नहीं कर पाते हैं।
कुमारी शीतल
Kumari Sheetal