1.) महान अवतारी बुद्ध
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कविता
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बुद्धम शरणम् गच्छामि
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धम्मय शरणम् गच्छामि
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संघम शरणम् गच्छामि
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गाँव लुंबिनी क्षत्रिय शाक्य कुल, इक्ष्वाकु वंश में अवतार लिये।
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पिता शुद्धोधन,माता महामाया जन्मे,पालन गौतमी ने किये ।।
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पूर्ण किये कारज पिता के, तब गौतम से सिद्धार्थ हुए ।
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गुणों में श्रेष्ठ गुनी,बालकपन में महानता के कई परिचय दिये ।।
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यशोधरा धर्मपत्नी, बेटा राहुल, घर बार छोड़ मोह त्याग किये।
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अर्धरात्रि त्याग राजमहल, आत्म चिंतन हेतु वन को चल दिए ।।
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वैराग्य, आत्मचिंतक, सत्य अहिंसा पथ के अनुगामी हुए ।
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तृष्णा निवृत्ति का दे प्रभाग,बोधी वृक्ष तले महाज्ञान प्राप्त किये ।।
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समता,परहित का पाठ पढा कर, सारनाथ में पहला उपदेश दिये ।
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सत्य अहिंसा का पालन करवा कर,भिक्षुओं को ज्ञानमृतपान दिये
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शीलपरम के संदेश दाता, सम्यक् आचरण, ज्ञान वितरित किये।
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त्रिपिटक अमोल रत्नों से सब दुःख कारण निवारण किये ।
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दिये चार सत्य जगत को सकल मानवता के उत्थान किये ।।
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पंचव्रतों के प्रदाता करूणा भव साधना से इंद्रियां जीत लिये।
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घृणा को प्रेम से जीतना, ऐसा संतुलित जीवन सीखा दिये ।।
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अशोक का किया मन परिवर्तन, बौद्ध धर्म दुनिया में प्रचार किये ।
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किया भारत धरा को पावन, ऐसे महात्मा बुद्ध अष्टम अवतारी हुए
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बौद्ध धर्म की स्थापना करके विश्व जगत का कल्याण किये ।।
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डॉ रामचन्द्र स्वामी अध्यापक बीकानेर, राजस्थान
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2.) ।। बुद्ध शांति के प्रतीक ।।
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क्या सोच कर भगवान ने बनाया होगा,
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धर्म सुधारने का खयाल तो उन्हें भी आया होगा,
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ऐसे ही कोई भी महात्मा बुद्ध नही बन जाते,
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कठीन परिश्रम और सालों की तपस्या के बाद ही,
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महात्मा बुद्ध ने इतना उच्य स्थान पाया होगा।
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।। महात्मा बुद्ध के बारे में
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अपने शब्दो में लिखी हुई कविता ।।
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किसी के जाने से कोई फर्क ना पड़े,
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ऐसा खुद को बनाओ,
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कोई भी रिश्ते को दिल से हटा कर,
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अपने दिमाग को समझो,
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खुद को ऐसा बनाओ की,
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हर परिस्थिति का हस कर
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सामना कर पाओ,
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खुद को इस काबिल बनाओ,
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की कोई भी लड़ाई को मुस्कुराते हुऐ शांति से लार्ड जाओ,
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अकेले रहो काफी है,
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किसी के लिए अपने मन में जस्बातो को न जन्माओ,
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सभी के मोह माया को छोड़ कर,
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खुद मैं परिवर्तन लाओ,
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शांति को अपना कर,
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आत्म से परमात्मा का मिलन करवाओ,
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हमेसा सत्य बोलो,
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किसी की निंदा न करो,
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फल की आश को छोड़ कर,
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सारे बंधर को तोड़ कर,
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मोक्ष से दिल लगाओ ।
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कुमारी शीतल
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3.) गौतम बुद्ध द्वारा कहे गए अनमोल वचन जो हम भी अपने जीवन में उतार पाएं तो जीवन धन्य हो जाए,,,,,
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हमारी वासना ही हमारे दुखों का कारण है
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जितना रिश्तों में घुलते चले जाते हैं उतना ही हम उलझते जाते हैं
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अगर आप शांति चाहते हो तो पहले खुद शांत रहना सीखिए
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आपकी समस्याओं का समाधान कोई और नहीं आप खुद ही कर सकते हैं
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बिना बात के विवाद करने से अच्छा है आप एक ऐसा शब्द बोलिए जो सबके मन को शांति दे
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खुद ही खुद के सलाहकार बनिए,,,,,,,,
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4.) महात्मा बुद्ध …
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अप्रतिम सोच अद्वितीय खोज के ज्ञाता,
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बुद्धिशीलता के परिचायक,
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अन्याय अत्याचार के घोर विरोधी,
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संतुलनकारी, मध्यम मार्गीय,
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अष्टांग योग के प्रवर्तक है महात्मा बुद्ध,
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सीखी उनसे अनेक बातें,
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1. मन विचार कर्म से बने बुद्धिशाली,
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2.अति को त्याग जीवन में अपनाएं संतुलन,
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3. बुराईयों का नाश कर अच्छाई को अपनाएं,
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4. ईमानदारी को अपने विचारों में लाए,
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5. आत्मा से परमात्मा का मिलन मानवता की भलाई करने में अंतर्निहित है।
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Pinki khandelwal